BK Sustenance Team
Mar 10, 2021
आज साल का सबसे बड़ा दिन, अर्थात महा शिवरात्रि का पर्व है। आज का दिवस शिव बाबा (परमपिता परमात्मा) के अवतरण का यादगार है। इसलिए हम ब्राह्मण आत्माओ के लिए आज का दिन अति विशेष है।
तो आज विशेष शिवरात्रि पर लिखी गयी कविता आप सभी ब्राह्मणो को सज़ा कर रहे है। यह कविता बी.के.मुकेश मोदी (राजेस्थान) ने लिखी है।
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Tip: इस शिवरात्रि कविता के PDF version को आप डाउनलोड व् प्रिंट कर सकते है।
शुभ शगुन है जग के लिए शिव पिता का आना
मीठे बच्चे कहकर हमको पवित्र उनका बनाना
सोचा नहीं था ऐसा कि खुद भगवान ही आयेंगे
राजयोग सिखाकर हमको शूल से फूल बनाएंगे
सारे बन्धन छूट गये बांधी प्यार की उससे डोर
बतियाते रहते उसके संग सुबह शाम और भोर
उसकी श्रीमत पर चलने का कदम बढ़ाया एक
मदद करने के लिये उसने बढ़ाये कदम अनेक
गुणगान करें क्या उसका वो सागर है प्यार का
हम बच्चों से करवाता वो परिवर्तन संसार का
घोर काली हो जाती जब अज्ञानकाल की रात
बाप तब ही आते हैं करने बच्चों से मुलाकात
आत्मभान जगाकर हम सबको पावन बनाते
अपनी पलकों पर बिठाकर वे घर हमें ले जाते
कहना मानने वाले ही दिलतख्त बाप का पाते
अवज्ञा करने वाले शिव के बाराती ही रह जाते
घर ले जाने आये शिवबाबा पावन हमें बनाकर
निर्विकारी बन जाओ बच्चों पूरी शक्ति लगाकर
ॐ शांति
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